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Jyotish
Kaavya
Friday, March 20, 2015
कतरो मुस्किल है अणि ऊपरी झूठा खोल ने तोड़णो ;
अणि ओछा नकली जन रे, मन रा एहम ने छोड़णो !
मीठो मीठो स्नेह रो झरनो जो है हगरा रे हिय माय !!!
वणी झरना री प्रीत ने जाणी जन रा प्रेम ति जोड़णो,,,,,,''तनु ''
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