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Tuesday, March 3, 2015


फागण आयो झूम झूम रे !!!
 लई रंगा रा थाल,
टेसू फुल्यो सूरज रे संग,
उसा रा व्या गाल लाल!!! ............ फागण आयो

पिली धुप फसरती चाले ;
फागण चाले लंबी ब्यार,
सर्दी धीरे धीरे जई री,
दुकाना में सजी गुलाल !
टेसू री अधखिली है डाल !!!....... फागण आयो


जली होलिका जले बुरायां !!!
नवो धान है हैकी राख्यो,
होरी पे नाना री ढूँढ ;
नाना ने निजरा पे राखो,
दादा वईज्ञा घणा निहाल
निखरयो निखरयो है जमाल !!!…  फागण आयो


चढ्यो होरी रो क़माल !!!
मजो करो ने करो धमाल ;
धूम धाम से मने या होरी ,
दूर करी ने आसुरी अहंकार ,
रंगी दो रंगी दो सब रा भाल !
दूर करो जग रा जंजाल !!!…… फागण आयो







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