फागुनी मल्हार .......
फागुन बदरा गीत है , कैसे करें सत्कार ???
फागुन बदरा गीत है , कैसे करें सत्कार ???
ये कीचड कायम रहे , जीवन हो नाकार ,
जीवन हो नाकार , छींक का साथ हमारा !
रहें छींक के संग , बहती नाक की धारा !!
हमें रुलाये धूप , खोय भँवरों की गुन गुन ,
कड़वा काढ़ा सूप , बदरा गीत है फागुन !!
कड़वा काढ़ा सूप , बदरा गीत है फागुन !!
No comments:
Post a Comment