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Friday, March 13, 2015

फागुनी मल्हार .......

फागुन बदरा गीत है , कैसे करें सत्कार ???
ये कीचड कायम रहे , जीवन हो नाकार ,
जीवन हो नाकार , छींक का साथ हमारा !
रहें छींक के संग , बहती  नाक की धारा !! 
हमें रुलाये धूप , खोय भँवरों की गुन  गुन ,
कड़वा काढ़ा सूप , बदरा गीत है फागुन !!

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