तितली खोई-- गोरैया खोई !
आँख क्यों तब भी नहीं रोई !!
मैं मनभावन तुम मनभावन,,,,
बतलाओ तो कौन है रावण ??
प्रकृति की उदास आँखें हैं ,
शब्द नहीं हैं कहने को !
बुलबुल रोई सूखी शाखें हैं ,
अश्रु नहीं हैं बहने को !
गोपी नहीं , नहीं कोयल अब,
मधुबन गीत गुंजावन !!!
मैं मनभावन तुम मनभावन,,,,,
बतलाओ तो कौन है रावण ??
बादल का संयम है टूटा,
कहीं भी बरस जाते हैं !
मोरों से संगीत है रूठा ,
नृत्य को तरस जाते हैं !
तानसेन तो रहे नहीं अब ,
गाकर कौन बुलाये सावन !!!
मैं मनभावन तुम मनभावन,,,,,
बतलाओ तो कौन है रावण ??
टूटे रिश्ते है खोई ठाँव ,
बिरहिन बन रोता गाँव !
गाँव की बेटी अपनी बेटी ,
जल गयी वो पीपल छाँव !
अपनी ढपली अपना राग अब ,
नहीं कोई आये ''समूह'' गावन !!!
मैं मनभावन तुम मनभावन,,,,,
बतलाओ तो कौन है रावण ??…
अंधड़ बन गयी पवन मंद ,
सबके सब हैं दरवाज़े बंद !
भूला पथिक नहीं आएगा ,
दर कोई नहीं खटकायेगा !
एप्प की चाहत नेट की रंगत ,
अब भूले सम्मुख बतलावन !!!
मैं मनभावन तुम मनभावन,,,,,
बतलाओ तो कौन है रावण ??… ''तनु''