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Monday, September 29, 2014

ललिता का लालित्य    ये बूझ सका न कोय !
इतना कनक क्यों धरा ?  पूछ सका न कोय !!
नाक के नीचे,,,,,,,, न जाने कितने चूहे खाए !!! 
बिल्ली के गले में घंटी --- बाँध सका न कोय ,,,,,,,,''तनु ''

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