देखो !!!
तुम !
हवाओं को कभी ,
नाराज़ ना करना !
ये नाराज़ होकर ,
तूफ़ान बन जाती हैं !
और !!!
बुझा देती है दीया ,
दे जाती है दर्द !
कभी न मिटने वाला ,
कि फिर पत्ता खड़कने ,
पर,
काँप जाती है,
रूह भी !!!… ''तनु ''
तुम !
हवाओं को कभी ,
नाराज़ ना करना !
ये नाराज़ होकर ,
तूफ़ान बन जाती हैं !
और !!!
बुझा देती है दीया ,
दे जाती है दर्द !
कभी न मिटने वाला ,
कि फिर पत्ता खड़कने ,
पर,
काँप जाती है,
रूह भी !!!… ''तनु ''
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