Labels
Jyotish
Kaavya
Tuesday, September 2, 2014
हम यूँ ही थे घबराये हुए होंठ थे बंद कि बात हो कैसे
मुँह से न कही गयी बात वो इशारों में समझ गए
तकदीर का साथ था सुलझे हुए थे लटों के पेंचो ख़म भी
बच के निकल रहे थे वो बहारों में उलझ गए। ''तनु ''
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment