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Sunday, September 28, 2014

माँ तुम्हारे ''पाँचवे स्वरूप'' की  महिमा गाऊँ  मैं ,
कमल आसन   पर बैठी ''पद्मासना'' रिझाऊँ मैं , 
विशुद्ध चक्र में अवस्थित हूँ, पराक्रम, शान्ति दो!!!
स्कन्द बनाओ मुझको आपके चरणों में पड़ा हूँ मैं ,,,,,,,,,,,,,''तनु ''

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