रग दुखती है के---- हाथ न धरो तुम
कल मरना है के---- आज न मरो तुम
राहे कंटकाकीर्ण नहीं होती सारी,,,,,,,,,,,,,,
सीट नहीं मैदान को अपना करो तुम। …'' तनु ''
कल मरना है के---- आज न मरो तुम
राहे कंटकाकीर्ण नहीं होती सारी,,,,,,,,,,,,,,
सीट नहीं मैदान को अपना करो तुम। …'' तनु ''
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