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Thursday, September 11, 2014

गले गले तक डूब  गए -  चुल्लू कहाँ से लाएँ  ,
कीचड ,पानी देख के ---  ज़ार ज़ार  रो जाएँ !
पानी की एक बूँद हो गयी अब स्वाति की बूँद !!
बिजली बिन फिल्टर प्लांट भी नाकाम हो जाएँ   ,,,,,,,,,,,,,''तनु '' 

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