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Saturday, September 27, 2014

धनुष बाण, गदा चक्र, अमृत कलश, कमल धारण किए आए, 
मंद हास्य से माता सृष्टि उत्पन्न करके , मंद मंद मुस्काए ,  
आराधना करके !!!  आधि - व्याधि से मुक्त हो जा मानव!!!  
चौथा रूप माँ का--- ''कूष्मांडा'' -----    मन में उतरता जाए , ''तनु ''

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