त्रिवेणी ..........
बिन दोहा बिन रोला मैं कैसे छंद बनाऊँ ?
आठों याम भटकूँ तड़पूँ क्यों मैं राह न पाऊँ
बिन दोहा बिन रोला मैं कैसे छंद बनाऊँ ?
आठों याम भटकूँ तड़पूँ क्यों मैं राह न पाऊँ
व्यास पीठ पर गुरु बिठाऊँ ज्ञान की ज्योत जलाऊँ !!!…''तनु ''
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