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Tuesday, September 2, 2014



 ये जो चाँद है न
 ये भी सोचता है.…  
 मेरा कोई साथी नहीं,,,,
 रोशनी !!!
 भी मेरी नहीं,,,
 ये तारे !!!
 भी मेरे नहीं,,,,, 
 याचना !!!
 की भी तो किससे ?
 सूरज से ??
 न ये चाँद ,,
 न ये सूरज,,
 न ये तारे,, 
 कोई नहीं होता किसी का !!!
 सब अपना अपना काम करते हैं ,,
 सब नहीं सोते !!!… ''तनु''

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