दर्द - ए - दिल
ग़ज़ल की बात मत करो , दिल टूटा टूटा सा है ,
आंसू के हैं अशआर कोई अब रूठा रूठा सा है !
खुला सा आसमान था , हवा भी गीत गाती थी,
जी चाँद का बादलों के दामन में घुटा घुटा सा है !
रहनुमा था , दामन में खुशियाँ लिए चलता था ,
बदल गयी है तकदीर दरवेश लुटा लुटा सा है !
ज़ख़म हरा और जले पर नमक है छिड़का हुआ ,
मरा है ज़मीर इंसा का हर शख्स कुटा कुटा सा है !
हर फूल पर उड़ते थे ''तनु '' तितलियों की तरह ,
अँगुलियों पर उसके कोई रंग छूटा छूटा सा है !!!. '' तनु "
ग़ज़ल की बात मत करो , दिल टूटा टूटा सा है ,
आंसू के हैं अशआर कोई अब रूठा रूठा सा है !
खुला सा आसमान था , हवा भी गीत गाती थी,
जी चाँद का बादलों के दामन में घुटा घुटा सा है !
रहनुमा था , दामन में खुशियाँ लिए चलता था ,
बदल गयी है तकदीर दरवेश लुटा लुटा सा है !
ज़ख़म हरा और जले पर नमक है छिड़का हुआ ,
मरा है ज़मीर इंसा का हर शख्स कुटा कुटा सा है !
हर फूल पर उड़ते थे ''तनु '' तितलियों की तरह ,
अँगुलियों पर उसके कोई रंग छूटा छूटा सा है !!!. '' तनु "
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