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Friday, October 24, 2014

नमस्कार मित्रों,  एक प्यारी पेशकश !!!

पाठ :-1  दोहा क्या होता है ?

मित्रों दोहा एक मात्रिक छंद है क्योंकि इसमें मात्राओं की संख्या निश्चित होती है ,,,,

क्या आप जानते हैं कि दोहा कैसे लिखा जाता है ??  ,,,,, दोहा मात्रिक छंद होता है दोहे के चार चरण होते हैं इसके विषम चरणों में (प्रथम और तृतीय ) चरणों में १३ -१३ मात्राएँ और सम चरणो में ११ - ११ मात्राएँ होती हैं सम चरणों के अंत में एक गुरु और एक लघु मात्रा  का होना आवश्यक  होता है ,,,,,,,

उदाहरण के लिए देखिये :---

तुलसी मीठे वचन ते , सुख उपजत चहुँ ओर !
वशीकरण एक मन्त्र है,   परिहरु वचन कठोर !!


 112       22    111    2  --------मात्रा 13
तुलसी   मीठे  वचन  ते--------प्रथम चरण 

  11    1111     11   21    ---------मात्रा 11  
सुख  उपजत  चहुँ  ओर--------द्वितीय चरण 

   12111     21     11      2--------मात्रा 13
वशीकरण   एक   मन्त्र   है------ तृतीय चरण 

 1111       111      121------------मात्रा 11 
परिहरु   वचन    कठोर--------चतुर्थ चरण 

अब मैं  आपको बताती हूँ कि लघु और गुरु मात्रा क्या होती है :--

१ ---- लघु ---- अ, इ, उ, ऋ, क, कि, कु, कृ
२ ----- गुरु -----  आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, का, की, कू, के, कै, को, कौ

एक बात और ध्यान में रखने की है कि पहले तीसरे चरणों के आरम्भ में १२१(जगण ) मात्रा और दूसरे और चौथे चरण के अंत में लघु होना चाहिए …… 

कितना आसान है न दोहे बनाना तो इंतज़ार किस बात का---- लीजिये कागज़ कलम और शुरू हो जाइए  …… :)






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