Labels

Wednesday, October 1, 2014

आओ बापू 

हम थे जहां ----वहीँ पर हैं हम !!
नहीं दासत्व से मुक्त हुए हम !!
कानों में गूंजे है अब तक
राम राम की धुन
रामराज  का पाठ पढ़ाकर ,,,,,
कहाँ हुए तुम ग़ुम !…… हम


तुम्हारे प्रेम की बगिया ,
बिलकुल ही मुरझाई !
फूलों वाली डाली सूखी ,
भूल गयी अंगड़ाई
आज तो बरसाओ आकर,,,,,
फूलों पर शबनम !!
फूलों बिन भौंरे बगिया में
करते नहीं गुन - गुन
सत्य का दीप जलाकर,,,,,,
बापू कहाँ हुए तुम गुम !! …हम


नफ़रत हिंसा गोली बारी ,
दानवता निंदा ओ गाली !
संवेदना जल गयी सारी
रिश्ते भूले नर ओ नारी
अब न दुखाओ जन मन,,,,,
आओ मन के आलम्बन !!
ऊपर वाले ए  विधाता
प्रार्थना मेरे दिल की सुन
अहिंँसा की राह दिखाकर,,,,,
बापू कहाँ हुए तुम ग़ुम !! … हम


मन मस्जिद शिवाला टूटा,
देव हमसे ------दूर है रूठा !
जन्म दिवस पर धर्म पूजा ,
ढप बजे,  बजे अलगूजा !
भारत माँ का पूजन अर्चन ,,,,
आओ लेकर रोली चन्दन !!
लहराएँ  तिरंगा प्यारा
भाल लगे माँ के कुमकुम
धर्म की राह दिखाकर ,,,,,
बापू  कहाँ हुए तुम ग़ुम !! ....हम

हम थे जहां ----वहीँ पर हैं हम !!
नहीं दासत्व से मुक्त हुए हम !! ----''तनु '' .



No comments:

Post a Comment