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Wednesday, October 15, 2014

 चल अकेला ....... 

 झुके बदली,,, जमी  छू ले आसमाँ साथ उसके नहीं होता !
 चलना अकेले ही होता है -- कारवां साथ उसके नहीं होता !!

  गुलशन में गुल को क्यों न हो रश्क  रंग-ओ- बू   अपने !
  खिलना अकेले ही होता है बागबाँ साथ उसके नहीं होता !!

  जंग का  मैदान हो , ----- हो कितने सिपाही आसपास ! 
  लड़ना अकेले ही होता है पासबाँ साथ उसके नहीं होता !!

  कायदा हो असूलों की हो जिंदगी असूलों से हो जिंदगी ! 
  तनु उस पर नज़र न डालो गिरेबाँ साथ जिसके नहीं होता !!.... ''तनु ''

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