दीपपर्व की मंगल कामनाएँ !!!...........
खातिर राष्ट्र के एक दीप जलाया !
नाजुक बाती है सौम्य उजाला है !!
सभी के मन को है बरबस लुभाया !
खातिर राष्ट्र के एक दीप जलाया !!
जन जन के मन का अन्धेरा भगाओ !
ऐ दीपक शांत भाव से मुस्कुराओ !!
सीमा के रक्षक तैनात सैनिको में !
राष्ट्र रक्षा प्रेम का जोश भर जाओ !!
झिलमिल पर्व की मिल खुशियाँ मनाएँ !
नारी शक्ति को एकजुट कर लाएँ !!
दिवाली में लक्ष्मी लक्ष्मी पूजन हो !
कोई औरत दुःख में न आँसू बहाए !!
अनंत निर्मल शुभ गुणों की दिव्यता से !
मिल पर्व श्रृंगार मनाएँ नित श्री जगाएँ !!
सौंदर्य संसार का खिलखिला जाए !
आओ आँगन में दिल नहीं दिये जलाएँ !!
किसी मुख से अन्न का कौर न छीने !
दर्द मिटा आँसू पोंछ गरीबी बीने !!
सुख और समृद्धि आये छन छन !
छन छन चाँदनी से धीमे धीमे धीमे !!!,,,,,,''तनु ''
खातिर राष्ट्र के एक दीप जलाया !
नाजुक बाती है सौम्य उजाला है !!
सभी के मन को है बरबस लुभाया !
खातिर राष्ट्र के एक दीप जलाया !!
जन जन के मन का अन्धेरा भगाओ !
ऐ दीपक शांत भाव से मुस्कुराओ !!
सीमा के रक्षक तैनात सैनिको में !
राष्ट्र रक्षा प्रेम का जोश भर जाओ !!
झिलमिल पर्व की मिल खुशियाँ मनाएँ !
नारी शक्ति को एकजुट कर लाएँ !!
दिवाली में लक्ष्मी लक्ष्मी पूजन हो !
कोई औरत दुःख में न आँसू बहाए !!
अनंत निर्मल शुभ गुणों की दिव्यता से !
मिल पर्व श्रृंगार मनाएँ नित श्री जगाएँ !!
सौंदर्य संसार का खिलखिला जाए !
आओ आँगन में दिल नहीं दिये जलाएँ !!
किसी मुख से अन्न का कौर न छीने !
दर्द मिटा आँसू पोंछ गरीबी बीने !!
सुख और समृद्धि आये छन छन !
छन छन चाँदनी से धीमे धीमे धीमे !!!,,,,,,''तनु ''
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