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Saturday, October 18, 2014

गोरैया …

पहले कभी घरों में दिखती थी गौरैया

अब भी कहीं घरों में दिखती है गौरैया !!

सीमेंट टावरों के जंगल बढ़ जाने से , 


शायद ही अब तो कहीं दिखेगी गौरैया !! 


तस्वीर  पीछे, घरौंदा बनाती गोरैया ! 

तिनका तिनका चुना  घर बनाती गोरैया  ,

शोरगुल कितना चुन चुन कितनी चहचहाह  !!! 

हाँ कभी थी जब तू घर बनाती गोरैया  ,  

 जैसे बचपन गया   तुम गयी गोरैया  !  

शायद तितली  संग छुप गयी है गोरैया. 

नन्हा बुलाता तू अब तो सुन ले री चुन चुन !! 

हम  इंतज़ार करें क्या आयेगी गोरैया ??? 

साथ किसके नन्हा खेले  बता न गोरैया ??

फुदकता चहकता  प्यार खिलौना गौरैया 

पहली किरण का सन्देश अब कौन लाएगा ???

प्रातः  प्रातः  की बात में अन्धेरा ----  गोरैया ,,,,,,''तनु ''

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