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Thursday, October 30, 2014

हँसी तो पाहुनी थी ------  थी कैसे रुकती ?
इन्द्रधनुष की सहेली थी---  कैसे झुकती ??
पल में ही उजड़ गया --- सपनो का जहां,,,,,,
छोड़ गयी रोती अंखियाँ---- कैसे दुखती  !!!.... ''तनु ''

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