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Friday, October 24, 2014


सर पे ,...  अपने चाँद उठाए चलते हैं ,
अपने काँधे ,..  चाँदनी उठाए चलते हैं !!

दर्द सीने में है ,... जुबां  कुछ नहीं कहती ,
अपनी पलकों पे, आँसू सजाये चलते हैं !!

बिखरी सी है जिंदगी हर कदम बेदम ,
क्यों हथेली पे  , सरसों जमाये चलते हैं !!

गैर के पासों पर गैरों ही की चाल रही  ,
अब तो गैरों पे जिंदगी लगाए चलते हैं !!

ख़ुशी की दुनिया है,,  है ख़ुशी खोई अपनी ,
ज़ख्म जिंदगी पे ,… नमक बिछाये चलते हैं 

उम्र का भरोसा क्या दिन भी काटे न कटे ,
तनु तू है बोझ  तुझे क्यों उठाये चलते हैं. !!.... ''तनु ''…








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