सर पे ,... अपने चाँद उठाए चलते हैं ,
अपने काँधे ,.. चाँदनी उठाए चलते हैं !!
दर्द सीने में है ,... जुबां कुछ नहीं कहती ,
अपनी पलकों पे, आँसू सजाये चलते हैं !!
बिखरी सी है जिंदगी हर कदम बेदम ,
क्यों हथेली पे , सरसों जमाये चलते हैं !!
गैर के पासों पर गैरों ही की चाल रही ,
अब तो गैरों पे जिंदगी लगाए चलते हैं !!
ख़ुशी की दुनिया है,, है ख़ुशी खोई अपनी ,
ज़ख्म जिंदगी पे ,… नमक बिछाये चलते हैं
उम्र का भरोसा क्या दिन भी काटे न कटे ,
तनु तू है बोझ तुझे क्यों उठाये चलते हैं. !!.... ''तनु ''…
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