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Thursday, October 30, 2014

मैं बेटी बन 
दुर्गा बन गयी हूँ 
शरण माँ की …

आभारी हुई 
धन्य भाग हमारे 
स्नेहसिंचन 

संस्कार नहीं 
आत्म मंथन नहीं 
सब है खोया ''तनु ''

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