पीयूष घट छलका था, जब रास रचाया कान्हा ने;
रोमांचित तरंगिणी , जब रास रचाया कान्हा ने !
कान्हा गोपी गोपी कान्हा सत्य शिव सुन्दर रहा, , ,,
अक्षय वट छाया रहा, जब रास रचाया कान्हा ने !!
रोमांचित तरंगिणी , जब रास रचाया कान्हा ने !
कान्हा गोपी गोपी कान्हा सत्य शिव सुन्दर रहा, , ,,
अक्षय वट छाया रहा, जब रास रचाया कान्हा ने !!
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