जब तक श्वास है जीव में , देह दमकती है
जब ये गमकती है तो , देह चमकती है
श्वास बिना चमड़ी ना यह देह ही कुछ रही
जब तक श्वास है जीव में , देह महकती है
जब ये गमकती है तो , देह चमकती है
श्वास बिना चमड़ी ना यह देह ही कुछ रही
जब तक श्वास है जीव में , देह महकती है
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