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Saturday, May 23, 2015

जब तक श्वास है जीव में , देह दमकती है 
जब ये गमकती है तो ,      देह चमकती है 
श्वास बिना चमड़ी ना यह देह ही कुछ रही 
जब तक श्वास है जीव में ,  देह महकती है 

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