बुद्धम शरणम गच्छामि
दिन चाहे ----कितने भी बीते ;
बुद्ध आज भी दिलों में जीते !
जहाँ बहता करुणा का सागर,
वहाँ वात्सल्य घट क्यों कर रीते ?
तम को जीता क्रोध को जीता ;
संयम मन में ----रहा अनूठा ,
सर्वस्व छोड़ त्याग में जीना ,
ऐसे किसका जीवन बीता ?
जीव का त्रास -- देख न पाये ;
मृत्यु का दंश-- देख न पाये,
मोह छोड़ विषम पथ चुना,
ऐसे महात्मा बुद्ध कहलाये !!
बुद्ध निर्मोही बुद्ध हैं त्यागी ;
भारत देश अतीव बड़भागी ,
मानव बन छोड़ मद मत्सर ?
पहन वल्कल बन वीतरागी !
ज्ञान का पथ है सदैव दुर्गम ;
कौन जाना है आगम निर्गम ?
शान्तं पापं-------छोड़ अहम।
ऐसे पथ को -----बना सुगम , ,,
बुद्ध ज्ञानमय --- बुद्ध त्यागमय
बुद्ध संयमी --- बुद्ध वैराग्यमय
सिर्फ आज न ---- तप और संयम
सदा ज्ञानमय --- सदा तेजोमय
दिन चाहे ----कितने भी बीते ;
बुद्ध आज भी दिलों में जीते !
जहाँ बहता करुणा का सागर,
वहाँ वात्सल्य घट क्यों कर रीते ?
तम को जीता क्रोध को जीता ;
संयम मन में ----रहा अनूठा ,
सर्वस्व छोड़ त्याग में जीना ,
ऐसे किसका जीवन बीता ?
जीव का त्रास -- देख न पाये ;
मृत्यु का दंश-- देख न पाये,
मोह छोड़ विषम पथ चुना,
ऐसे महात्मा बुद्ध कहलाये !!
बुद्ध निर्मोही बुद्ध हैं त्यागी ;
भारत देश अतीव बड़भागी ,
मानव बन छोड़ मद मत्सर ?
पहन वल्कल बन वीतरागी !
ज्ञान का पथ है सदैव दुर्गम ;
कौन जाना है आगम निर्गम ?
शान्तं पापं-------छोड़ अहम।
ऐसे पथ को -----बना सुगम , ,,
बुद्ध ज्ञानमय --- बुद्ध त्यागमय
बुद्ध संयमी --- बुद्ध वैराग्यमय
सिर्फ आज न ---- तप और संयम
सदा ज्ञानमय --- सदा तेजोमय
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