कवि
दर्द ,आँसू, फूल, प्रीत, अंगार, प्रात, सांध्य से---- कवि के दिनमान हैं !
भक्ति, श्रृंगार, रौद्र, वात्सल्य, करुण, हास्य, --- वीर कवि के गान हैं !!
कवि घटक ले, घट में समा, घट घट उंडेले ---- ये कविता की खान हैं !
देश-दुनिया, हम-तुम, आज-कल, दिन-रात निष्प्राण को देते प्राण हैं !!
वे कल के ''सुकवि'' सूरज से चमके -दमके जैसे चमक ''भानु ''भान हैं !
रचनाएँ बोधगम्य, रससिक्त, प्रवाह युक्त, ------ लालित्य लिए बाण हैं !!
''आदि कवि'' ''कोकिला'' कोई ''कवि गुरु'' कोई ''निराला'' देश की शान है !
कोई ''पंत,'' ''संत'' दे सीख कोई ''राष्ट्र कवि'',------ देश का अभिमान है !!
मीरा ,रहीम, तुलसी, कबीर, कृष्ण भक्ति में डूब रहे ------ रसखान है !
जगा इंकलाबी आफताब ''महताब'' बन फलक सज रहे --- इकबाल हैं !!
आज के साहित्य चोर चोरी कर रचनाओं की हो रहे ---------- बदनाम है !
ऐसा ? क्या पा गए ऐसा ? खो इंसानियत ------------ कैसे ये इंसान हैं!!
दर्द ,आँसू, फूल, प्रीत, अंगार, प्रात, सांध्य से---- कवि के दिनमान हैं !
भक्ति, श्रृंगार, रौद्र, वात्सल्य, करुण, हास्य, --- वीर कवि के गान हैं !!
कवि घटक ले, घट में समा, घट घट उंडेले ---- ये कविता की खान हैं !
देश-दुनिया, हम-तुम, आज-कल, दिन-रात निष्प्राण को देते प्राण हैं !!
वे कल के ''सुकवि'' सूरज से चमके -दमके जैसे चमक ''भानु ''भान हैं !
रचनाएँ बोधगम्य, रससिक्त, प्रवाह युक्त, ------ लालित्य लिए बाण हैं !!
''आदि कवि'' ''कोकिला'' कोई ''कवि गुरु'' कोई ''निराला'' देश की शान है !
कोई ''पंत,'' ''संत'' दे सीख कोई ''राष्ट्र कवि'',------ देश का अभिमान है !!
मीरा ,रहीम, तुलसी, कबीर, कृष्ण भक्ति में डूब रहे ------ रसखान है !
जगा इंकलाबी आफताब ''महताब'' बन फलक सज रहे --- इकबाल हैं !!
आज के साहित्य चोर चोरी कर रचनाओं की हो रहे ---------- बदनाम है !
ऐसा ? क्या पा गए ऐसा ? खो इंसानियत ------------ कैसे ये इंसान हैं!!
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