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Sunday, May 10, 2015
संग राम रखवालो, कहाणी राम री न्यारी ;
रंग भरे उ फूलां में, सजावै नेह री क्यारी !
क्यों रोवै
थारां
नयणा, जद राम राखै है ;
जग रो भरसो झूठो, भरोसो राम रो भारी !!
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