''याद'' कुछ अशआर
यादों की रुत में, पता न आन - बान का मिले ;
कहाँ वो ? शब - ओ - सहर पता न जहान का मिले !
याद !!! जो दिल को, दिल से निकाल ले जायेगी ;
जिंदगी तब न मरहला, कोई आराम का मिले !
कुछ यादें गले मिलेंगी यूँ, और लिपटा ले जाएँगी !
भूल जाओगे सफर का निशाँ वो मुकाम का मिले !!
यादों की गोद ईमान ओ सकूँ से है भरी हुई ;
खोया रहूँगा शब भर पता न थकान का मिले !
चाँद का डोला है !!! और सितारों के हैं पैरहन ;
जुगनू को भूल गया हूँ, दिल उड़ान का मिले !!
अशआर में खोजो वज्न में यादों के ख्वाब हैं ;
''तनु '' उड़ चला है तीर पता न कमान का मिले !!!....'' तनु ''
यादों की रुत में, पता न आन - बान का मिले ;
कहाँ वो ? शब - ओ - सहर पता न जहान का मिले !
याद !!! जो दिल को, दिल से निकाल ले जायेगी ;
जिंदगी तब न मरहला, कोई आराम का मिले !
कुछ यादें गले मिलेंगी यूँ, और लिपटा ले जाएँगी !
भूल जाओगे सफर का निशाँ वो मुकाम का मिले !!
यादों की गोद ईमान ओ सकूँ से है भरी हुई ;
खोया रहूँगा शब भर पता न थकान का मिले !
चाँद का डोला है !!! और सितारों के हैं पैरहन ;
जुगनू को भूल गया हूँ, दिल उड़ान का मिले !!
अशआर में खोजो वज्न में यादों के ख्वाब हैं ;
''तनु '' उड़ चला है तीर पता न कमान का मिले !!!....'' तनु ''
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