समय कटा,
अपने आप !
''विषय'' है,
लहराता साँप !
घिस कर घुन,
''पूर्णमिदं''!!
आदि ही इति,
इदं इदं !!
हृदय को,
मुसकान पाटती !
सूरत को ,
आँखें निहारती !
हथेली,
सूरज की उम्मीद!
चल राही,
धरा पुकारती !!
वलय खींच
मलय न बाँध
संयम की
सीमा न लांघ
मन ही है,
वह परकार !
मन से बंध ,
मन न रांध !!
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