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Friday, July 28, 2017





रिसते जख्मों को सज़ा मत देना !
इस तरह दिल को मज़ा मत देना !!

ख्वाब जो गुनहगार हो गए मेरे !
आँखों में आने की रज़ा मत देना !! 

बस इक शिकायत है सुन लो तुमसे !
यूँ रह के खामुश कज़ा मत देना !! ...'' तनु ''


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