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Monday, July 17, 2017

बदलाव आता नहीं कभी आदत ओ खुराफ़ात में ,
अंतर कुछ तो रहता है,---  जले दूध ओ छाछ में !
समझ गए आपसे तो दूर ही से नमस्ते अच्छी !!!
क्यों गले पड़ जाते हैं यूँ  ?? बेबात ओ बात में ,,,,,,,,,,''तनु '' 

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