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Kaavya
Friday, July 21, 2017
मोर करे वन शोर , अहा !!!
मन चोर रहे कब से घन कारे !
आवत हूँ सजनी कहते,
सहते सहते कब के मन मारे !!
शाम भई अब श्याम सखे,
तनु राह तके मन साँझ सकारे !
कौन कहे तुमसे सजना ,
मन मीत पिया मन घन कारे !!... ''तनु ''
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