थारा दुःख लई ने जावां भी तो कां
ई रिश्ता लई ने जावां भी तो कां
आवा से थारा फूल महकया नी
नी सितारा टिमटिमाया गगन
नी हँस्यो मोगरो मन मगन
थारा होंठाँ री हंसी लई ने जावां भी तो कां
थारा दुःख
नी सितारा टिमटिमाया गगन
नी हँस्यो मोगरो मन मगन
थारा होंठाँ री हंसी लई ने जावां भी तो कां
थारा दुःख
निभाई रिया हाँ खोखला रिश्ता
जो दरद दे ने टीसां भी दे
भटकी गया था रस्ता में चुभ्या काँटा
ई टीसां लई ने जावां भी तो कां
थारा दुःख
जो दरद दे ने टीसां भी दे
भटकी गया था रस्ता में चुभ्या काँटा
ई टीसां लई ने जावां भी तो कां
थारा दुःख
प्यार खट्टो भी ने मीठो भी
आखी उमर नी भूली पावांगा
देखी थी थारी झुकी निजरां
ई झुकी निजरां लई ने जावां भी तो कां
थारा दुःख
तू रूठे भी तो मनावांगा
गम वेगा भी तो हसावांगा
कठा से लावां हँसती आरसी
रोती आरसी लई ने जावां भी तो कां
थारा दुःख
थारा दुःख लई ने जावां भी तो कां
ई रिश्ता लई ने जावां भी तो कां , .... 'तनु'
आखी उमर नी भूली पावांगा
देखी थी थारी झुकी निजरां
ई झुकी निजरां लई ने जावां भी तो कां
थारा दुःख
तू रूठे भी तो मनावांगा
गम वेगा भी तो हसावांगा
कठा से लावां हँसती आरसी
रोती आरसी लई ने जावां भी तो कां
थारा दुःख
थारा दुःख लई ने जावां भी तो कां
ई रिश्ता लई ने जावां भी तो कां , .... 'तनु'
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