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Thursday, July 20, 2017



गौण !


सही गलत के फेर में,  सच को सुनता कौन ! 
हर कोई अपनी कहे,        बातें धुनता मौन !!
मन की वीणा पर कहीं,      छिड़े दर्द के राग , ,,
सुनी अनसुनी अनकही,   बातें रह गयीं गौण !! ... ''तनु ''

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