Labels

Wednesday, July 12, 2017







आँख से बहते, आँसुओं को छुपाना होगा !
समुन्दर बन के  लहरों को उठाना होगा !!

हर एक चौराहा रोक लेता है बढ़ते कदम !
मंजिलों को बताने हवाओं को बुलाना होगा !!

कैसे वक्त की साँसों को कोई छू पाये !
नक्श आने वाले लम्हों को बनाना होगा !!

रखना है कायम गुलों की  महक तुमको !
चमन में रह कर बहारों को बुलाना होगा !!

चाह कर कौन ला पाया चाँद -ओ- तारे !
''तनु ''इसी ख़ाक से दीयों को बनाना होगा !!.. ''तनु ''







No comments:

Post a Comment