आँख से बहते, आँसुओं को छुपाना होगा !
समुन्दर बन के लहरों को उठाना होगा !!
हर एक चौराहा रोक लेता है बढ़ते कदम !
मंजिलों को बताने हवाओं को बुलाना होगा !!
कैसे वक्त की साँसों को कोई छू पाये !
नक्श आने वाले लम्हों को बनाना होगा !!
रखना है कायम गुलों की महक तुमको !
चमन में रह कर बहारों को बुलाना होगा !!
चाह कर कौन ला पाया चाँद -ओ- तारे !
''तनु ''इसी ख़ाक से दीयों को बनाना होगा !!.. ''तनु ''
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