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Saturday, July 15, 2017






दिमागों पे पड़ा ताला हुआ है,
कहीं फिर से घोटाला हुआ है ?

बहुत स्वार्थ की दुनिया बसा ली ,
हर आस्तीन ही अहि पाला हुआ है ?

 जिसे पूजा जिसे देवता बनाया,
उसी ने बनाया निवाला हुआ है ?

कि घटता जा रहा मैं चाँद जैसा ,
अमा पूनम का बवाला हुआ है ?

सभी निर्दोष हैं जिन्होंने ली है जां,
 ये खूं क्यों नाहक उबाला हुआ है ?

वही प्यासा उसे है प्यास कितनी ,
वही साकी वही प्याला हुआ है ?

अरे जाँ देता तो देश खातिर देता ,
लिए आतंक क्यों जियाला हुआ है ?

 चढ़ाना ''तनु'' क्यों आसमा पर उसी को ,
 बुझी शमा का जो परवाना हुआ है ??,,,, ''तनु ''

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