दीजिये ,
आ गया पास कोई उसे प्यार दीजिये ,
जहां की खुशियाँ उसे उपहार दीजिये !
यों हाथ बाँध कर मत खड़े रहें साहिब ,
हाथों को खोल लीजिये दुलार कीजिये !
अकड़ कर आँख क्यों दिखाते साहिब ,
नजरों में भरे प्यार का इजहार कीजिये !
बेसबब खड़े हुए फोटो खिंचाते साहिब ,
ऐसा कहा नहीं हमने उपकार कीजिये !
बातें टालना ये अदा तुम्हारी है साहिब ,
भुलाकर बुराइयाँ सदव्यवहार कीजिये !
खातिर किसी ज़रा झुक जाइये साहिब ,
अजी जीत पर हमारी, चलिए हार दीजिये !
कौड़ियों के मोल ये जीवन है साहिब ,
अमीर - गरीब मत देखिये वार दीजिये !
कल कज़ा आयी मिटटी कहाँ साहिब ,
ताबूत हो के सीढ़ी ''तनु ''श्रृंगार कीजिये !,,.... ''तनु ''
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