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Monday, July 3, 2017


दीजिये ,


आ गया पास कोई उसे प्यार दीजिये ,
जहां की खुशियाँ उसे उपहार दीजिये !

 यों हाथ बाँध कर मत खड़े रहें साहिब , 
हाथों को खोल लीजिये दुलार कीजिये !

अकड़ कर आँख क्यों दिखाते साहिब ,
नजरों में भरे प्यार का इजहार कीजिये !

बेसबब खड़े हुए फोटो खिंचाते साहिब ,
ऐसा कहा नहीं हमने उपकार कीजिये !

बातें टालना ये अदा तुम्हारी है साहिब ,
भुलाकर बुराइयाँ  सदव्यवहार कीजिये !

खातिर किसी ज़रा झुक जाइये साहिब ,
अजी जीत पर हमारी, चलिए हार दीजिये !

कौड़ियों के मोल ये जीवन है साहिब ,
अमीर - गरीब मत देखिये वार दीजिये !

कल कज़ा आयी  मिटटी कहाँ साहिब ,
ताबूत हो के सीढ़ी ''तनु ''श्रृंगार कीजिये !,,.... ''तनु ''


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