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Sunday, July 16, 2017






आयो  कने वणी ने प्यार दीजो सा !!
जग  री खुशियां उपहार दीजो सा !!

यूँ बाँधी ने हाथ उबा मति रिजो ! 
हाथां ने खोल जो दुलार दीजो सा !!

घणी जबर लागि या कपट री गाँठ ! 
आँटी राखो मन मति खार दीजो सा !!

नया रा साथ चालो जूना री वात मानो 
पुण्य पुरखाँ रा करज उतार दीजो सा 

अकड़ी ने आँख्यां थें मति दिखाजो !
निजरां भरी प्यार थें वार दीजो सा !!

खातर कणि जरा झुकी जावो तो कई !
जो जीत्या चालो वणाने हार दीजो सा !! 

 मोल कौड़ी जीवन कीमत नि अणि की !
बुरी  वातां भूलजो सदव्यवहार दीजो सा !!

काले आया ने काले चालता वणोगा !
ताबूत वो के सीढ़ी ''तनु''सिणगार दीजो सा !!,,,..''तनु''







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