सावन झूला
सावण झमाझम वरसो, करजो जी उपकार !
मेहा मनड़ा सरसजो, ..... सूखो रे संसार !!
सूखो रे संसार, ..... ताल तलैया भरी दो ,
मिटि जावै तकरार ,जिनगी सुखमय करी दो !
मनडो गाय मल्हार , वणा दो पावन सावण !
झूला डालां डार, वरसो झमाझम सावण !!.. ''तनु ''
सावन झूला
सावन झूला
सावन रिम झिम बरसिये , करिये कुछ उपकार !
मेहा मनवा सरसिये , --------- सूखा सा संसार !!
सूखा सा संसार , ------ तलैयाँ सरवर भर दो ,
मिटे सभी तकरार !!! जिंदगी सुखमय कर दो !
मन गा रहा मल्हार ,----- बना दो मौसम पावन !
झूले डाले डार ! ---- बरसिये रिम झिम सावन !!.... ''तनु''
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