बिजली गिरी ,
शाख झुलस गई !!!
जुटते लोग ,
जीवन छूटा,
भव बंधन टूटे!!!
शरीर छूटा ,
न आना कभी ,
यादों के झरोखों से !!!
टूटता मन .... "तनु "
शाख झुलस गई !!!
जुटते लोग ,
जीवन छूटा,
भव बंधन टूटे!!!
शरीर छूटा ,
न आना कभी ,
यादों के झरोखों से !!!
टूटता मन .... "तनु "
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