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Sunday, July 27, 2014

बिजली गिरी ,
शाख झुलस गई  !!!
जुटते लोग ,



जीवन छूटा,
भव बंधन टूटे!!!
शरीर छूटा ,



 न आना कभी ,
यादों के झरोखों से !!!
टूटता मन .... "तनु "

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