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Saturday, July 19, 2014


दामन न झटको यूँ न जाओ फिर साँझ फिर सबेरा नहीं,
मंज़र  देख लो यूँ न जाओ   फिर मांझी फिर किनारा नहीं
तुम करीब हो तसल्ली है  इस दिल को और चाहिए क्या ??
पंछी अकेला है  यूँ न जाओ....फिर उड़ान फिर बसेरा नहीं !…  तनुजा "तनु "

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