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Friday, July 4, 2014

मैं गर झूठा हूँ तो बुहारूं अपने झूठ को !!,
कल आयेंगे पात हरे सूखे हुए ठूंठ को !!


जादू की छड़ी गर मिल जाए कोई !!
पलक न झपकाऊँ पकडूं उसके मूँठ को!!

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