हायकु …………
बात ही बात,
नहीं हैं अनजान
आज की रात
आस है टूटी
अनगिन सवाल!!
किस्मत रूठी
गया न खाली
दुआओं का असर!!
रूठे न माली
कर्ज का भार,
मजबूरी का दर्द,
बुरे आसार !
तू रख लाज,
इतनी सी अरज,
संवार काज.....
ठूंठ को पात,
सावनी बरसात!
भीगे हैं गात.……………।
बात ही बात,
नहीं हैं अनजान
आज की रात
आस है टूटी
अनगिन सवाल!!
किस्मत रूठी
गया न खाली
दुआओं का असर!!
रूठे न माली
कर्ज का भार,
मजबूरी का दर्द,
बुरे आसार !
तू रख लाज,
इतनी सी अरज,
संवार काज.....
ठूंठ को पात,
सावनी बरसात!
भीगे हैं गात.……………।
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