Labels

Saturday, July 19, 2014


बदल के अपने रूप     अरूप में है स्वांग ,
क्या बदलोगे जगत ? सारे कूप में है भांग, 
बुद्धि मांगो विधाता से अनर्थ खूब किया है !!!
समय रहते चेतो भाई समय की है मांग !....तनुजा "तनु" 

No comments:

Post a Comment