तेरे नाम की कश्ती चाहिए भव पार उतरने को ,
तूफां के बाद वक्त लगेगा अब साहिल संवरने को ,
तेरे ही सहारे है मझधार में नैया अटकी है !!!
ग़म की राहें हैं कंटक भरी, दर्द है !!!अब न उबरने को ..''तनु ''...........
तूफां के बाद वक्त लगेगा अब साहिल संवरने को ,
तेरे ही सहारे है मझधार में नैया अटकी है !!!
ग़म की राहें हैं कंटक भरी, दर्द है !!!अब न उबरने को ..''तनु ''...........
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