किस्मत के आगे झुक के लाये थे इश्क की नियामत,
कभी इश्क को सजदा किया कभी खुदा को याद किया!!
गर किस्मत पे न एतबार हो न कभी कीजे इश्क,
कभी चारागर की राह थी कभी हकीम को याद किया!!
मानिन्द -ए - सुबह किस्मत के उकदे न कभी खुले ,
कभी अख्तर उम्मीद थी कभी नजूमी को याद किया !!
ये जिंदगी की सलाह है किसी बेबर्ग -ओ- साज से ,
कभी दरख्तों के साये चले कभी बारिशों को याद किया !!.... तनुजा ''तनु ''
कभी इश्क को सजदा किया कभी खुदा को याद किया!!
गर किस्मत पे न एतबार हो न कभी कीजे इश्क,
कभी चारागर की राह थी कभी हकीम को याद किया!!
मानिन्द -ए - सुबह किस्मत के उकदे न कभी खुले ,
कभी अख्तर उम्मीद थी कभी नजूमी को याद किया !!
ये जिंदगी की सलाह है किसी बेबर्ग -ओ- साज से ,
कभी दरख्तों के साये चले कभी बारिशों को याद किया !!.... तनुजा ''तनु ''
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