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Saturday, July 12, 2014

जब से  पैगाम हाथ लगा इंतज़ार अब नहीं होता ,
लुत्फ़ गया, एहसान गया, इकरार अब नहीं होता 
सब्र गया आराम गया जवानी भी गयी !!!
वक्त ही सितम ढा गया, एतबार अब नहीं होता !तनुजा ''तनु ''

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