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Thursday, September 7, 2017



एक मोती, ,,


भौंरों की गुनगुन है क्वार की बयार में ;
तितलियाँ रंग लाईं हैं शरद के हार में !
हरसिंगार भी अनकहे झरते चले गए , ,,
झूमकर नाचेगा दिल मौसमी बहार में !!.. ''तनु''

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