खुद से मिलना भूलता है आदमी !
अपना ठिकाना भूलता है आदमी !!
दोस्ती दामन वफ़ा और बंदगी !
खोकर खजाना भूलता है आदमी !!
गुलों के रंगों में भटकता रहा !
क्यों महकना भूलता है आदमी !!
वो तुझे अब याद करते ही नहीं !
इसी तरह तो भूलता है आदमी !!
चेहरा कोई तो दिखा देगा कभी !
तू आइना क्यों भूलता है आदमी!!,... ''तनु ''
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