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Saturday, September 16, 2017

भूलता है




खुद से मिलना भूलता है आदमी !
अपना ठिकाना भूलता है आदमी !!

 दोस्ती दामन वफ़ा और बंदगी !
खोकर खजाना भूलता है आदमी !!   

गुलों  के रंगों में  भटकता रहा !
क्यों महकना भूलता है आदमी !! 

वो तुझे अब याद करते ही नहीं ! 
इसी तरह तो  भूलता है आदमी !! 

चेहरा कोई तो दिखा देगा कभी !
तू आइना क्यों  भूलता है आदमी!!,... ''तनु ''



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