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Sunday, September 17, 2017

आवे हिचकी!




वायरो वाजे जी म्हने आवे हिचकी!
जंगल लागे घर म्हने आवे हिचकी!!

 आंख्यां री झील तो लबालब भरी !
आंसुड़ा छलके म्हने आवे हिचकी!!

फूल बागाँ था कदी थी बहार भी !
फूल खोवाणा म्हने आवे हिचकी !!

आखि दुनिया जाणे लागे जी सूनी !
जाणे भगवान नी म्हने आवे हिचकी !!

याद ने होश नी तो कस्तर मने !
जीव ने साता नी म्हने आवे हिचकी !!

टकटकी लागी जोवे वाट बारणा !
रात जौवै  वाट म्हने आवे हिचकी!!... ''तनु ''

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